दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना प्रार्थना
दया कर दान भक्ति का , हमें परमात्मा देना दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना हमारे ध्यान में आओ प्रभु आंखों में बस जाओ अंधेरे दिल में आकर के परम ज्योति जगा देना बहा दो प्रेम की गंगा दिलों में प्रेम का सागर हमें आपस में मिलजुल कर प्रभु रहना सिखा देना हमारा कर्म हो सेवा हमारा धर्म हो सेवा सदन मानव सेवा व सेवक चर बना देना वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना वतन पर जो फिदा करना प्रभु हमको सिखा देना दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना। दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना यह यह प्रार्थना बहुत ही सुंदर है जो हमें ईश्वर से जोड़ती है और हमें अपनी बातों का पूर्वाभास कराती हैं यह प्रार्थना अपने गायन में भी बहुत ही अद्भुत है इस प्रार्थना में हम ईश्वर से कह रहे हैं और प्रार्थना उनसे कर रहे हैं की हम पर दया करो और हमारी आत्मा को शुद्ध करो और शुद्धता प्रदान करो और हमारे ध्यान में आओ हमारी आंखों में ऐसे ही बसे रहना पर को ऐसी प्रार्थना कर रहे हैं इस प्रार्थना में बहुत कुछ ईश्वर से मांगा जा रहा है और यह प्रार्थना बहुत अच्छी है जिसने भी यह प्रार्थना लिखी है उस को मेरा नमन मैं इस आर्टिकल में आपसे विदा लेता
ही
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